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चांद की तीसरी कक्षा में पहुंचा Chandrayaan-3, बस अब 1437 किलोमीटर बाकी

नईदिल्ली

ISRO ने Chandrayaan-3 को चंद्रमा के तीसरे ऑर्बिट में पहुंचा दिया है. अब चंद्रयान 174 km x 1437 km किलोमीटर वाली छोटी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है. चंद्रयान-3 अपने तय टारगेट से संभवतः आगे चल रहा है. लेकिन इसरो की तरफ से इसकी कोई पुष्टि नहीं आई है.

इसरो ने 9 अगस्त की दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर ऑर्बिट में बदलाव किया. यानी चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स को ऑन किया गया था. 5 अगस्त 2023 को जब चंद्रमा की पहली कक्षा में चंद्रयान-3 पहुंचा था. तब उसने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थीं.

उस समय चंद्रयान-3 चंद्रमा के चारों तरफ 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 164 x 18074 KM के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा था. जिसे 6 अगस्त 2023 को घटाकर 170 x 4313 km की ऑर्बिट में डाला गया था. यानी उसे चंद्रमा की दूसरी कक्षा में डाला गया था.

चंद्रयान-3 की कितनी यात्रा बाकी

14 अगस्त 2023: सुबह पौने बारह बजे से 12:04 बजे तक चौथी कक्षा बदली जाएगी.

16 अगस्त 2023: सुबह 8:38 बजे से 8:39 बजे के बीच पांचवीं कक्षा बदली जाएगी. यानी सिर्फ एक मिनट के लिए इसके इंजन ऑन किए जाएंगे.  

17 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे. इसी दिन दोनों मॉड्यूल चंद्रमा के चारों तरफ 100 km x 100 km की गोलाकार ऑर्बिट में होंगे.

18 अगस्त 2023: दोपहर पौने चार बजे से चार बजे के बीच लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी. यानी उसकी कक्षा की ऊंचाई में कमी लाई जाएगी.
20 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की रात पौने दो बजे डीऑर्बिटिंग होगी.

23 अगस्त 2023: लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा. सबकुछ सही रहेगा तो पौने छह बजे के करीब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा.

ISRO के बेंगलुरु में मौजूद सेंटर टेलिमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (MOX) से लगातार चंद्रयान-3 की सेहत पर नजर रखी जा रही है. फिलहाल चंद्रयान-3 के सभी यंत्र सही तरीके से काम कर रहे हैं.

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