रायपुर
भारतीय जनता पार्टी के लिये घोषणा पत्र जनता को ठगने का दस्तावेज होता है। भाजपा हर चुनाव के पहले घोषणा पत्र बनाती है जिसको संकल्प पत्र नाम देती है लेकिन कभी घोषणा पत्र के वायदों को पूरा नहीं करती है। तीन बार 2003, 2008, 2013 के चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जो वायदे किया था। यह वह घोषणायें है जिसे उसने तीनों बार फ्रंट पेज में छापा था। तीन चुनावों में 31 वायदे किये जिनमें 25 को पूरा नहीं किया।
पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा में यही अंतर है। हमारे लिये घोषणा पत्र वायदा निभाने का पवित्र दस्तावेज होता है, भाजपा के लिये यह एक चुनावी हथियार मात्र होता है। यह भाजपा के तीन बार के घोषणा पत्रों के फ्रंट पेज में छपी घोषणाओं के विश्लेषण से स्पष्ट होता है। भाजपा ने तीन चुनावों में 2003, 08, 13 में 150 से अधिक वायदे किया था जिसमें से 30 प्रतिशत भी पूरा नहीं किया। कांग्रेस ने 5 सालों में 36 में से 34 वायदे पूरा किया। हिन्दू धर्म में संकल्प पवित्र शब्द माना जाता है जब हम कोई भी पूजा, पाठ अनुष्ठान करते है तो कुश जल लेकर संकल्प लेते है। भाजपा ने तीन बार अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र नाम देकर लगातार उस संकल्प की अवहेलना करने का महापाप करती रही है। पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह, सुरेंद्र वर्मा, वंदना राजपूत, नितिन भंसाली, अमित श्रीवास्तव, अजय गंगवानी, जावेद खान उपस्थित थे।
संकल्प पत्र के नाम पर जनता को बार-बार ठगने वाली भाजपा एक बार फिर से जनता की आंखों में धूल झोंकने फिर से घोषणा पत्र बनाने की नौटंकी कर रही है। भाजपा के पुराने रिकार्ड बताते है कि उसके लिये घोषणा पत्र चुनावी सब्जबाग है। इसके विपरीत हमने 36 वायदे किये और 5 सालों में 36 में से 34 पूरा कर दिया। भाजपा कुछ भी कर ले जनता अब उनके बहकावे में नहीं आयेगी।