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पीएम मोदी के भाषण के बड़े संदेश, टारगेट 2047

नई दिल्ली

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत मणिपुर से की, तो विपक्ष पर भी तीखा प्रहार किया। उनके भाषण के बड़े संदेश हम आपको बता रहे हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लाल किले से अपना 10वां भाषण दिया जो उनके दूसरे कार्यकाल अंतिम भाषण रहा। अपने डेढ़ घंटे के भाषण में प्रधानमंत्री ने तीन बुराइयां गिनाते हुए विपक्ष पर वार किया तो वापसी की बात कहकर तीन गारंटी भी दीं। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के ऐतिहासिक मंच से उनके भाषण से कई संदेश निकले, जिसमें हर रंग थे। मणिपुर से लेकर महंगाई तक, वे हर विषय पर बोले। उनके भाषण से 10 संदेश निकले।

शुरुआत मणिपुर से
पीएम ने कहा, पिछले कुछ हफ्ते से नॉर्थ-ईस्ट विशेषकर मणिपुर में हिंसा का दौर चला, कई लोगों को जीवन खोना पड़ा, मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। दरअसल विपक्ष उन पर मणिपुर मुद्दे से भागने का आरोप लगा रहा है। इसी मुद्दे से भाषण शुरू करके उन्होंने संकेत दिया कि वह मुद्दे से भाग नहीं रहे।

तीन बुराइयों का जिक्र
मोदी ने कहा कि देश को तीन बुराइयों से लड़ने की जरूरत है – भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण। पीएम ने कहा, भ्रष्टाचार ने देश का बहुत बुरा हाल किया है। परिवारवाद, भाई भतीजावाद योग्यता के दुश्मन हैं। तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय को तबाह किया है। उन्होंने पिछली सरकारों के काम पर सवाल उठाए। विपक्षी गठबंधन बनने के बाद उन्होंने क्विट इंडिया की बात कई मौकों पर की है।

कई साल बाद नई योजनाएं
दूसरे टर्म के अंतिम भाषण में पीएम कुछ नई घोषणाओं का ऐलान किया। 2014 में उन्होंने नई योजनाओं की शुरुआत की थी। 2015 में भी कुछ योजनाओं का ऐलान किया था। उसके बाद से नई घोषणाओं से परहेज करते रहे। इस बार तीन नई योजनाओं का ऐलान किया और एक का विस्तार किया। इन्हें ओबीसी समुदाय को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिसके वोट को लेकर सियासी संग्राम मचा है।

जी-20 का जिक्र, चीन-पाक नहीं
पिछली भाषणों की तरह पीएम ने देश की आंतरिक चीजों पर अधिक फोकस किया। अगले महीने दिल्ली में होने वाले जी-20 सम्मेलन और इसकी महत्ता का जिक्र जरूर किया। संदेश दिया कि बदली हुई वैश्विक परिस्थितयों में भारत ने कितना अहम स्थान हासिल किया है। उन्होंने पाकिस्तान या चीन का जिक्र नहीं किया। हालांकि 2014 से पहले देश में होने वाले तमाम आतंकी हमलों का जिक्र किया।

रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया
मोदी ने लाल किले से अपना रिपोर्ट कार्ड भी दिया। उन्होंने कहा कि मैं 10 साल का हिसाब तिरंगे के साए में दे रहा हूं। 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ केंद्र की तरफ से जाते थे। अब यह आंकड़ा 100 लाख करोड़ पर पहुंचा है। पहले स्थानीय निकाय के विकास के लिए 70 हजार करोड़ जाते थे। आज 3 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा जाते हैं। उन्होंने सरकार की कई स्कीमों का जिक्र करते हुए आंकड़े भी दिए।

सत्ता में वापसी के संकेत
पीएम ने ऐलान किया कि अगले साल वह फिर लाल किले पर आएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं। स्वर्णिम पल आने वाले पांच साल हैं। अगली बार 15 अगस्त को लाल किले में से मैं आपको देश की उपलब्धियों, आपके सामर्थ्य, सफलता के गौरव गान को आपके सामने पेश करूंगा। आम चुनाव से पहले उन्होंने संदेश दिया कि सत्ता वापसी के प्रति उनके मन में कोई संदेह नहीं।

मजबूत सरकार का दांव
ऐसे समय जब विपक्षी गठबंधन 2024 से पहले एनडीए को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है, पीएम ने पुरानी मिसाल से याद दिलाने की कोशिश की कि देश में मजबूत सरकार का होना कितना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मजबूत सरकार मजबूत फैसले लेती है। अगली बार मजबूत सरकार रही तो इकॉनमी पांच साल में तीसरे नंबर पर होगी। इस दावे के साथ उन्होंने विपक्ष की गारंटी स्कीम का भी जवाब दिया।

विवादित मुद्दों से परहेज
पीएम मोदी ने अपने दसवें भाषण में विवादित मुद्दों से परहेज किया। न उन्होंने यूनिफार्म सिविल कोड के बारे में कोई बात की और न जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा उठाया। दो साल पहले उन्होंने लाल किले से जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा उठाया था। विपक्ष पर उन्होंने परोक्ष रूप से हमला जरूर किया लेकिन ऐसे किसी मसले पर बोलने से परहेज किया जिससे किसी तरह का विवाद हो।

गुलामी से आजादी, विरासत पर गर्व
पीएम ने गुलामी की निशानियों से आजादी पाकर आगे बढ़ने का जिक्र किया। उन्होंने कहा, भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी, मॉडल ऑफ डायवर्सिटी है। विरासत पर गर्व करते हुए हमें उसे संजोते हुए आगे बढ़ना है। मोदी ने कहा कि हम जो भी करेंगे, वह भारत की दिशा तय करने वाला है, भारत के भाग्य को लिखने वाला है। दरअसल, मोदी आजकल विरासत से विकास यात्रा को भाषण की मुख्य थीम बना रहे हैं।

2047 टागरेट, नई पीढ़ी से कनेक्ट
पीएम के भाषण के साथ आजादी के 75 साल के सेलिब्रेशन का समापन हो गया। अब उन्होंने 2047 का लक्ष्य दिया है जब देश आजादी के 100 साल पूरा कर लेगा। मोदी लक्ष्य तय करके उसके क्रियान्वयन पर बात करते रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से वह लगातार 2047 की बात कर रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया कि अब नीतियां इसी के मुताबिक आगे बढ़ेंगी। इसी बहाने उन्होंने नयी पीढ़ी से कनेक्ट भी किया।

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