भोपाल एम्स जल्द मध्य भारत का पहला पीडियाट्रिक हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाला, रचेगा नया कीर्तमान
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भोपाल
एम्स भोपाल में मध्य प्रदेश का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सफल होने के बाद अब प्रबंधन अपनी सेवाओं को विस्तार देने जा रहा है. हाल ही में एम्स के डॉक्टर चेन्नई से प्रशिक्षण लेकर आए हैं. वहीं एम्स में बाल हृदय प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक स्किल्स की जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से एक सेमिनार आयोजित किया गया. अब एम्स भोपाल में जल्द ही मध्य भारत का पहला पीडियाट्रिक हार्ट ट्रांसप्लांट होने जा रहा है.
नीदरलैंड के डॉक्टर ने बताई हार्ट ट्रांसप्लांट की बारीकियां
एम्स में सोमवार को आयोजित व्याख्यान में नीदरलैंड के पीडियाट्रिक कार्डिएक सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. पीसी (पीटर) और प्रो. वैन डे वूस्टिजीन ने बाल हृदय प्रत्यारोपण, रॉस प्रक्रिया और न्यूनतम इनवेसिव कार्डिएक सर्जरी पर अपने विचार प्रस्तुत किए. इस कार्यक्रम में संकाय सदस्यों, रेजिडेंट्स और छात्रों ने भाग लिया और पीडियाट्रिक कार्डिएक सर्जरी व हृदय प्रत्यारोपण में नवीनतम प्रगति पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की.
एम्स के डॉक्टरों ने पीडियाट्रिक हार्ट ट्रांसप्लांट की सीखी बारीकियां
व्याख्यान के दौरान वैन डे वूस्टिजीन ने रॉस प्रक्रिया पर प्रकाश डाला, जो युवाओं में महाधमनी वॉल्व रोग के उपचार के लिए एक उन्नत शल्य प्रक्रिया है. उन्होंने न्यूनतम इनवेसिव कार्डिएक सर्जरी के लाभों को भी रेखांकित किया. इसके अलावा, उन्होंने बच्चों के हृदय प्रत्यारोपण में अपनी विशेषज्ञता साझा की और बताया कि कैसे छोटा चीरा लगाकर भी विशेष शल्य चिकित्सा के जरिए रोगियों को आराम पहुंचाया जा सकता है.
पीडियाट्रिक हार्ट ट्रांसप्लांट में मिलेगा फायदा
प्रो. वैन डे वूस्टिज़ीन ने उन्नत शल्य तकनीकों पर चर्चा करने के साथ-साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम पर भी बात की. जिससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मेडिकल प्रोफेसनल के बीच ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने एम्स भोपाल के कार्डिएक सर्जरी विभाग के साथ बातचीत की और सर्जिकल इनोवेशन व हार्ट ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में एम्स भोपाल के निरंतर योगदान पर विचार रखे. एम्स भोपाल के डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया, " प्रो. वैन डे वूस्टिजीन द्वारा साझा की गई जानकारी से एम्स भोपाल की पीडियाट्रिक कार्डिएक सर्जरी और बाल हृदय प्रत्यारोपण में क्षमताएं अधिक मजबूत होंगी."