बैंकों ने ग्राहकों को दिया जोरदार झटका, बचत खातों पर घटाई ब्याज दरें

नई दिल्ली
भारत के प्रमुख निजी बैंकों, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और फेडरल बैंक, ने हाल ही में बचत खातों पर ब्याज दरों में 25 आधार अंकों (0.25%) की कटौती की है.
अब इन बैंकों में 50 लाख रुपए से कम बैलेंस पर ब्याज दर घटकर 2.75% हो गई है. वहीं, देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अक्टूबर 2022 से 10 करोड़ रुपए तक के बैलेंस पर मात्र 2.7% ब्याज दे रहा है.
इन बैंकों ने न सिर्फ बचत खातों पर, बल्कि फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर भी ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है. यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब बैंकिंग सिस्टम में CASA (चालू और बचत खाता) अनुपात पिछले एक साल में 39% से घटकर 22% तक आ गया है.
आनंद राठी सिक्योरिटीज के विश्लेषक कैतव शाह के अनुसार, “यह कटौती हमारे कवरेज में शामिल बैंकों के लिए शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) में 5 से 8 आधार अंकों का सुधार ला सकती है.”
बैंकों का CASA अनुपात लगातार घट रहा है.
HDFC बैंक का CASA अनुपात पिछले वर्ष के 38% से घटकर दिसंबर 2024 में 34% रह गया. बैंक के बचत खाते में कुल राशि 6.05 लाख करोड़ रुपए और कुल जमा 24.52 लाख करोड़ रुपए रही.
इसी तरह, SBI का CASA अनुपात 41.18% से घटकर 39.2% हो गया, जिसमें बचत खाता शेष 33.51 लाख करोड़ रुपए और कुल जमा 60.80 लाख करोड़ रुपए है.
क्या ग्राहक बचत खातों से पैसा निकालेंगे?
हालांकि बचत ब्याज दरों में गिरावट से ग्राहक एफडी की ओर रुख कर सकते हैं, लेकिन मैक्वेरी कैपिटल के शोध प्रमुख सुरेश गणपति का मानना है कि, “बचत खाते लेन-देन के लिए होते हैं और 25 आधार अंकों की कटौती से कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा.”
अप्रैल के पहले सप्ताह में जमा में 2.4%, जबकि ऋण में 0.9% की वृद्धि देखी गई.
बैंकों को होगा फायदा, ग्राहकों को करना होगा समझौता
विशेषज्ञों का मानना है कि बचत ब्याज दरों में कटौती से ग्राहकों को कम रिटर्न जरूर मिलेगा, लेकिन यह बैंकों की दीर्घकालिक रणनीति और लाभ को स्थिर बनाए रखने में मदद करेगा. साथ ही यह संकेत है कि अन्य निजी बैंक भी इस राह पर आगे बढ़ सकते हैं.