मंत्री रामनिवास रावत से ठगी का प्रयास, भाजपा पदाधिकारी बनकर जालसाज ने मांगे पांच लाख रुपये
भोपाल
मध्य प्रदेश में ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि वह अब आम लोगों के साथ-साथ मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों को भी नहीं बख्श रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कांग्रेस से भाजपा में आए और भाजपा के नए नवेले कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत के साथ घटित हुआ है. रामनिवास रावत ने इस मामले की शिकायत भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच से की है. ठग ने उन्हें फोन लगाकर भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री के नाम से ₹5 लाख की मांग की थी. हालांकि क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
कैबिनेट मंत्री से ठगी को कोशिश
राजधानी भोपाल में ठग आम आदमी ही नहीं बल्कि अब तो कैबिनेट मंत्रियों को भी ठगी का शिकार बनाने लगे हैं. ठगों ने वन मंत्री रामनिवास रावत से ठगी करने का प्रयास किया. ठग ने खुद को भाजपा के संगठन मंत्री का पीए बताकर पैसे मांगे. जब इसकी जांच की गई तो कॉल फर्जी पाया गया, जिसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम ब्रांच में अज्ञात शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.
भाजपा संगठन मंत्री के नाम पर ठगी
कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत के मोबाइल पर 9285127561 नंबर से कई बार कॉल आया था. जिसमें उसने खुद को भाजपा संगठन मंत्री बीएल संतोष का पीए बताकर उनसे 5 लाख रुपये मांगे. कॉल आते ही मंत्री पैसों की व्यवस्था करने में भी जुट गए, लेकिन पैसे ट्रांसफर करने से पहले रामनिवास रावत ने डी सुरेश के पीए से इसकी पुष्टि की, तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी मांग नहीं की गई है. जिस पर उन्हें मालूम पड़ा कि उनसे ठगी की कोशिश हुई है.
गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ जारी
मंत्री ने फौरन क्राइम ब्रांच में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच के सहायक आयुक्त सुजीत तिवारी ने बताया कि "रामनिवास रावत की शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस कॉल ट्रेस कर यह पता लगाने की कोशिश में जुटी थी कि आखिर फोन कहां से आया था. जिसके आधार पर आरोपी को पकड़ने की कार्रवाई की गई है. आरोपी मध्य प्रदेश का ही रहने वाला है.
कॉलर ने कहा- एक व्यक्ति के हिसाब से पांच लाख रुपए लगेंगे
वन एवं पर्यावरण मंत्री रावत ने शिकायत में पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले मोबाइल नंबर 9285127561 से कॉल आया था। कॉलर ने खुद को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डी. संतोष का पर्सनल सेक्रेटरी बताया। कॉलर ने कहा, ‘विजयपुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में आपके लिए कुछ लोगों की व्यवस्था करा देंगे, जो आपका पूरा काम देखेंगे। एक व्यक्ति के हिसाब से पांच लाख रुपए लगेंगे।’ दो-तीन बार रावत ने टाल दिया, लेकिन कॉलर का कई बार फोन आया।
रावत ने बताया कि कॉलर ने किसी अन्य शख्स से भी बात कराई। उसने खुद को भाजपा का संगठन महामंत्री डी. संतोष बताया। वह धीरे-धीरे गंभीर आवाज में बात कर रहा था। हालांकि, शक तो उसी वक्त हो गया था, जब उसने संगठन महामंत्री का नाम गलत बताया। क्योंकि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष हैं।
जानकारी जुटाई, तब सच्चाई पता चली
रावत विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। उनके इस्तीफे के बाद वहां उपचुनाव होना है। 8 जुलाई को मंत्री बनने के बाद उनसे पैसे की मांग करने वाले चुनाव के लिए पैसे मांग रहा था। रावत ने बताया कि कॉलर कह रहा था कि चुनाव में आपकी मदद करते रहेंगे।
रावत ने अपने स्तर पर जानकारी जुटाई, तो पता चला कि राष्ट्रीय संगठन मंत्री की ओर से ऐसा कोई कॉल नहीं किया गया है। रावत को पूरी बात समझ आ गई। इसके बाद उन्होंने शिकायत की। क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
बीएल संतोष हैं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री
बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष हैं, जबकि वन मंत्री रावत से पैसे मांगने वाले ने खुद को डी. संतोष का पीए बताया। वहीं, जिस दूसरे शख्स से बात कराई, उसने डी. संतोष बनकर बात की।