
नई दिल्ली
आपने कई जगहों पर ट्रेन और प्लेन थीम वाले रेस्टोरेंट देखे होंगे। अब दिल्ली में नई सरकार बनते ही दिल्ली की पुरानी बसों का इस्तेमाल करके रेस्टोरेंट बनाए जाने जा रहे हैं। इस अभियान को चलाने के पीछे दिल्ली सरकार का मुख्य उद्देश्य यमुना के किनारों को साफ रखना है। इसके साथ ही दिल्ली में यमुना किनारे जगह-जगह 'बस रेस्टोरेंट' खोले जाएंगे। इस महत्वपूर्ण योजना को मूर्त रूप देने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने काम भी शुरू कर दिया है।
'एक पंथ दो काज'
डीडीए के उद्यान विभाग की यह योजना 'एक पंथ दो काज' से जुड़ी है। विभाग की ओर से जारी रिक्वेस्ट ऑफ इंफॉर्मेशन (आरएफआई) के मुताबिक, डीटीसी की उन सीएनजी एसी लो फ्लोर बसों में ये रेस्टोरेंट खोले जाएंगे, जो अपनी लाइफ पूरी कर चुकी हैं। मतलब एक तरफ ये रेस्टोरेंट अपने आप में आकर्षण का केंद्र होंगे तो दूसरी तरफ डीटीसी की पुरानी बसों का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहला रेस्टोरेंट कश्मीरी गेट बस अड्डे के पास स्थित यमुना वाटिका में खोलने की तैयारी है। डीडीए इसके लिए एजेंसी फाइनल करने में जुटा है।
बस के पावर सिस्टम में बदलाव किए जाएंगे
शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि बस के इंटीरियर को फिर से डिजाइन किया जाएगा, ताकि किचन के उपकरण, स्टोरेज और बैठने की जगह के लिए जगह बनाई जा सके। बस में कुछ संरचनात्मक बदलाव भी किए जाएंगे, जैसे फ्लोरिंग, दीवारें और छत, खिड़कियां और गेट बदले जाएंगे। बस के बाहरी लुक में भी बदलाव किए जाएंगे। बस के किचन में प्रोफेशनल किचन स्टोव, रेफ्रिजरेटर, स्टोरेज, सिंक, काउंटर टॉप शामिल होंगे। सभी बेहतर क्वालिटी के होंगे। बस के पावर सिस्टम में भी बदलाव किया जाएगा।
टेंडर से पहले आरएफआई के जरिए हर पहलू पर चर्चा होगी
डीडीए के मुताबिक टेंडर देने से पहले आरएफआई के जरिए यह भी जानने की कोशिश है कि डीटीसी की सीएनजी एसी लो फ्लोर बसों को किचन में बदलने की कितनी संभावनाएं हैं। इस काम में क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी, कितना खर्च आएगा, किस तरह के सामान की जरूरत होगी, कितने समय में एक बस को किचन में बदला जा सकता है और सीएनजी बसों में किचन शुरू करना किस हद तक सुरक्षित रहेगा?
रेस्टोरेंट में टाटा मार्कोपोलो मॉडल का होगा इस्तेमाल
डीडीए अधिकारियों के मुताबिक जिस बस को रेस्टोरेंट में बदलने की योजना बनाई जा रही है, वह टाटा मार्कोपोलो मॉडल की एसी सीएनजी लो फ्लोर बस है। यह 2010 का मॉडल है। बस में 36 पैसेंजर सीट, इंजन और सभी इंटीरियर हैं। इलेक्ट्रिक फिटिंग भी है। बस की लाइफ खत्म हो चुकी है।