इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर नगर निगम में अनवर कादरी को पार्षद पद से हटाया गया, मेयर का सवाल – क्या कांग्रेस लव जिहाद के पक्ष में?

इंदौर
नगर निगम परिषद में गुरुवार को हुए सम्मेलन में माहौल बेहद गरम रहा। परिषद की बैठक में पार्षद अनवर कादरी उर्फ ‘डकैत’ को पार्षदी पद से निष्कासित करने का प्रस्ताव बहुमत से पारित कर दिया गया। सदन में यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पास हुआ, जबकि कांग्रेस पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कादरी के खिलाफ गंभीर आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि उनके कार्यों से न केवल नगर निगम की प्रतिष्ठा, बल्कि देश के सबसे स्वच्छ शहर की छवि भी धूमिल हुई है।

महापौर ने सदन में कहा कि वर्ष 2003 में नगर निगम कानून में संशोधन कर यह प्रावधान जोड़ा गया था कि परिषद के दो-तिहाई सदस्य को यदि लगता है कि किसी पार्षद का आचरण या उसके खिलाफ आरोप इतने गंभीर हैं कि उसका पद पर बने रहना निगम या शहर के हित में नहीं है, तो परिषद उसे पद से हटा सकती है। उन्होंने कहा कि आज वह समय आ गया है। जब इस प्रावधान का सदुपयोग होना चाहिए। हमने संभागायुक्त को इस संबंध में सूचित किया था। उन्होंने भी पार्षद अनवर कादरी को निष्कासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुझे पूरा विश्वास है कि संभागायुक्त न केवल उनकी पार्षदी समाप्त करेंगे, बल्कि उन्हें आगामी वर्षों में चुनाव लड़ने से भी रोकने का आदेश देंगे।

लव जिहाद और देशविरोधी गतिविधियों के आरोपों का जिक्र
महापौर ने कादरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इंदौर जैसे शहर का चुना हुआ जनप्रतिनिधि यदि लव जिहाद जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करे, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लव जिहाद के मामलों पर केरल हाईकोर्ट के निर्णय भी हैं और इससे जुड़े तथ्य सबके सामने हैं। इसके अलावा, जहां भी देशविरोधी गतिविधियों की बात आती है, वहां अनवर कादरी का नाम जुड़ता है। उन पर कई मामलों में आरोप सिद्ध हुए हैं, कई बार राज्य सुरक्षा कानून भी लगाया गया है।

महापौर ने आगे कहा कि कादरी के खिलाफ कई गंभीर प्रकरण दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि कादरी के पास जम्मू-कश्मीर से जारी बंदूक का लाइसेंस मिला था, जो खुद में सवाल खड़े करता है। ऐसे कृत्य नगर निगम और इंदौर जैसे स्वच्छ शहर की साख को नुकसान पहुंचाते हैं। जब उनके खिलाफ आरोप लगे और वह फरार हुए, तब पूरे शहर में चर्चा रही। उनके वार्ड के लोग महीनों तक अपने पार्षद को ढूंढते रहे। जेल में रहना और फरार रहना, दोनों ही स्थितियां यह साबित करती हैं कि उनका पार्षद बने रहना अनुचित है।

कांग्रेस ने नहीं की कोई कार्रवाई
महापौर ने सदन में विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि लव जिहाद के आरोप लगने के बावजूद कांग्रेस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। आज भी विपक्षी पार्षद इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होने से पहले ही सदन छोड़कर चले गए। यह सवाल कांग्रेस नेतृत्व से पूछा जाना चाहिए कि क्या पार्टी लव जिहाद जैसे मामलों का समर्थन करती है? महापौर ने मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी से पूछा की क्या कांग्रेस ऐसे पार्षदों का बचाव कर रही है? आखिर क्यों पार्टी ने अब तक उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस तक जारी नहीं किया?

सदन में प्रस्ताव पारित
लंबी बहस और हंगामे के बीच सभापति ने प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया। इसके साथ ही नगर निगम परिषद ने पार्षद अनवर कादरी को परिषद से निष्कासित करने का प्रस्ताव पास कर दिया। सदन के भीतर भाजपा पार्षदों ने तालियां बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया

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