उत्तर प्रदेशराज्य

प्रयागराज महाकुंभ खत्म होने के बाद एक शख्स ने रेलवे विभाग पर लापारवाही का आरोप लगाया और 50 लाख मुआवजा मांगा

प्रयागराज
यूपी के प्रयागराज में 45 दिन से चले महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में स्नान किया। महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या एयरपोर्ट हर जगह पैर रखने तक की जगह नहीं थी। ट्रेनों मे इतनी भीड़ थी कि लोग कारण ट्रेन की बोगी का गेट अंदर से लोग बंद कर ले रहे थे। अब महाकुंभ खत्म होने के बाद एक बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाले शख्स ने रेलवे विभाग पर लापारवाही का आरोप लगाया है और 50 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने की मांग की है।

सोशल मीडिया पर चल रहे खबरों के अनुसार, मुजफ्फरपुर के गायघाट सुबास केशो का रहने वाले राजन झा अपने सास- ससुर को महाकुंभ में स्नान कराने के लिए ले जाने वाले थे, जिसके लिए उन्होंने 27 जनवरी को मुजफ्फरपुर से प्रयागराज के लिए टिकट बुक किया था। तय तारीख के अनुसार, ट्रेन पकड़ाने के लिए अपने सास-ससुर को लेकर स्टेशन पहुंच गए, ट्रेन तो आई लेकिन वो अपने परिजनों को सीट पर नहीं बैठा पाएं क्योंकि ट्रेन की बोगी का गेट अंदर से बंद थी। सास-ससुर स्टेशन पर ही खड़े रह गए और ट्रेन निकल गई।

रेलवे प्रशासन से की शिकायत
राजन झा ने इस घटना की शिकायत रेलवे प्रशासन से की लेकिन विभाग की तरफ से भी कोई कार्रवाई नहीं की। जिसकी वजह से वो लोग महाकुंभ स्नान के लिए नहीं जा पाए थे। इसके बाद पीड़ित ने मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा के जरिये मुजफ्फरपुर के उपभोक्ता आयोग में रेलवे के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया और 50 लाख रुपये मुआवजे का दावा किया।

अब अधिकरियों को नोटिस जारी
अब इस मामले को लेकर मुजफ्फरपुर के उपभोक्ता आयोग की ओर से रेलवे के स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, डीआरएम सोनपुर रेल मंडल, जीएम ईस्ट सेंट्रल रेलवे, भारतीय रेल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है। वहीं अधिवक्ता ने बताया कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी। सुनवाई के दौरान सभी पक्षकार कोर्ट में मौजूद रहेंगे।

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