धर्म एवं ज्योतिष

वास्तु शास्त्र के अनुसार कॉर्नर वाले घर से बढ़ सकती हैं परेशानियां

 हमारे घर के हर एक कोना वास्तु शास्त्र से जुड़ा हुआ है। हमारे घर में खुशियां बरकरार रहेंगी या नहीं ये हमारे घर के वास्तु के अनुसार डिपेंड करता है। अकसर लोग घर खरीदते समय दिशाओं को छोड़कर सुंदरता पर अधिक ध्यान देते हैं। वास्तु शास्त्र की नजर में ऐसा शुभ नहीं माना जाता है। कई घर बीच में होते हैं और कुछ घर कोने में होते हैं। कुछ वास्तु एक्सपर्ट्स के अनुसार कोने वाले घरों को शुभ नहीं माना जाता है। तो चलिए जानते हैं ऐसा क्यों ?

वास्तु के मुताबिक जो घर कोने में होते हैं वो तीनों तरफ से खुले होते हैं। इस वजह से केतु का प्रभाव इनके ऊपर बढ़ जाता है। ज्योतिष शास्त्र में केतु को शुभ ग्रह नहीं माना जाता है। इस तरह के घरों में शुरुआत के समय तो कुछ नहीं होता बल्कि बहुत से लाभ देखने को मिलते हैं लेकिन बाद में केतु अपने असली रूप में आ जाता है और उस घर के सदस्यों को बुरे प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।

यदि आपके इस तरह जे घर में पास कोई ईमली का पेड़ है तो समझ जाएं आपको कोई न कोई दिक्कत अवश्य आने वाली है। इस वजह से मकान में रह रहे बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

जो लोग कोने वाले घर में रहते हैं उन्हें न चाहते हुए भी वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस घर के लोग आपस में लड़ते-झगड़ते रहते हैं और नकारात्मकता भी जल्द प्रवेश कर जाती है।

यदि आपके मकान की शेप आधे चन्द्रमा की तरह है तो इस घर में रहने वाली व्यक्तियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए छोटे-छोटे पौधे मुख्य द्वार पर लगाएं।

इन उपायों से करें अपनी परेशानी को दूर
अगर आप भी  इस तरह के कोने वाले घरों में रहते हैं तो इसके बुरे प्रभावों से बचने के लिए ये उपाय करने चाहिए। यदि आपका घर एल शेप में है तो इसके मैन गेट को कोने में ही बनाएं। इसके अलावा यदि आपका घर वी शेप का है तो अपने दरवाजे पर पेड़-पौधें लगाएं। इस तरह के घर के दरवाजों को एक साथ नहीं खोलना चाहिए।

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