धर्म एवं ज्योतिष

खरमास कल से शुरू, अगले एक महीने तक इन शुभ-मांगलिक कार्यों पर रहेगी पाबंदी

 सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है. जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है. मीन गुरु देव बृहस्पति की जलीय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है. बीमारियां और रोग बढ़ते हैं. लोगों के मन में खूब सारी चंचलता आ जाती है. इस समय ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं. इसलिए इसे मीन खरमास भी कहते हैं. सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इसलिए इस बार मीन मलमास 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा.

खरमास में इन कार्यों पर रोक
खरमास में शादी-विवाह वर्जित होता है. इस समय नए मकान का निर्माण और संपत्ति का क्रय करना वर्जित होता है. इस दौरान नया व्यवसाय या नया कार्य आरम्भ न करें. अन्य मंगल कार्य जैसे द्विरागमन, कर्णवेध, और मुंडन भी वर्जित है. अगर प्रेम विवाह या स्वयंवर का मामला हो तो विवाह किया जा सकता है. जो कार्य नियमित रूप से हो रहे हों उनको करने में भी खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं होता है. सीमान्त, जातकर्म या अन्नप्राशन भी किया जा सकता है.

खरमास में राशियों पर असर
मेष वालों को आंखों और यात्राओं का ध्यान रखना होगा.
वृष वालों के रुके हुए काम पूरे होंगे.
मिथुन वालों को पद प्रतिष्ठा का लाभ होगा.
कर्क वालों को स्वास्थ्य और यात्राओं का ध्यान रखना चाहिए.
सिंह वालों को दुर्घटनाओं से सावधान रहना चाहिए.
कन्या राशि वाले अपने वैवाहिक जीवन का ध्यान रखें.
तुला राशि वालों को समस्याओं से छुटकारा मिलेगा.
वृश्चिक राशि वालों को स्वास्थ्य और शिक्षा का ध्यान रखना होगा.
धनु राशि वाले अपने स्वास्थ्य और करियर का विशेष ध्यान रखें.
मकर राशि वालों के रुके हुए काम पूरे होंगे.
कुम्भ राशि वाले आंखों और चोट-चपेट का ध्यान रखें.
मीन राशि वालों के करियर में आकस्मिक परिवर्तन होगा.

खरमास में लाभ देंगे ये चमत्कारी मंत्र
1. ॐ सूर्याय नम:
2. ॐ घृणि सूर्याय नम:
3. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
4. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
5. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

खरमास में समस्या हो तो करें ये उपाय
नित्य प्रातः हल्दी मिलाकर सूर्य को जल अर्पित करें. "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करें. इस समय आहार में विशेष सात्विकता रखें. नियमित रूप से धर्मस्थान पर जाकर प्रार्थना करें. ज्यादा सोना धारण करने से बचाव करें.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button