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पूर्व PM नवाज शरीफ की वतन वापसी का काउंटडाउन शुरू, अगले महीने आएंगे पाक; कस सकता है कानूनी शिकंजा

नई दिल्ली

लंबे समय से यह अटकलें लगाई जाती रही हैं कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वतन वापसी करने वाले हैं। अब इस बात की पुष्टि हो गई है कि शरीफ अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में पाकिस्तान आ सकते हैं। न्यूज-18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पीएमएल (एन) सुप्रीमो के 10 से 15 अक्टूबर के बीच पाकिस्तान पहुंचने की संभावना है। तीन बार के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ 2019 से ब्रिटेन में स्व-निर्वासित जीवन जी रहे हैं। निर्वासन से लौटने पर उन्हें पाकिस्तान में अदालतों और कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।

अगले साल की शुरुआत में पाकिस्तान में चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि नवाज शरीफ की अगुवाई में उनकी पार्टी पीएमएल (एन) अगला चुनाव लड़ सकती है। हालांकि, पाकिस्तान में चुनाव की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं लेकिन 2024 की शुरुआत में चुनाव होने की संभावना है। इससे पहले नवाज शरीफ के भाई और पूर्व पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि नेता अक्टूबर में वापस आएंगे।

बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने के बाद जेल जाने के डर से  नवाज शरीफ देश छोड़कर भाग गए थे। वह 2019 से इलाज के नाम पर लंदन में हैं। नेता के करीबी शीर्ष सूत्रों के अनुसार, शरीफ के खिलाफ सभी आरोप मनगढ़ंत और अवैध हैं। उन्होंने कहा कि नवाज को यकीन है कि उन्हें पूरा न्याय मिलेगा और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।

बहरहाल, शरीफ किस तारीख को पाकिस्तान वापस आएंगे, यह तय नहीं हो सकका है लेकिन संभावना जताई जा रही है कि वह 10 से 15 अक्टूबर के बीच वतन वापसी करेंगे। इससे पहले पिछले महीने नवाज शरीफ के भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि उन्होंने भाई और पार्टी सुप्रीमो से मुलाकात की है और वो अक्टूबर में वतन वापस आएंगे।

नवाज शरीफ नवंबर 2019 से ब्रिटेन में स्व-निर्वासित जीवन जी रह रहे हैं। उन्हें 2018 में अल-अजीजिया मिल्स और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराया गया था। 73 वर्षीय राजनेता अल-अजीजिया मिल्स मामले में तब लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की सजा काट रहे थे। 2019 में उन्हें "चिकित्सा आधार" पर लंदन जाने की अनुमति दी गई थी।

संपत्ति छुपाने के मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें आजीवन अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज ने 2016 में पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपीलें संबंधित अदालतों में लंबित हैं।

 

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