शनि 28 नवंबर से मार्गी, 2026 तक बनी रहेंगी अनुकूल स्थितियां

इस समय शनि मीन राशि में वक्री हैं और 28 नवंबर 2025 को शनि मार्गी होने जा रहे हैं. शनि की सीधी चाल सभी 12 राशि वालों पर असर डालेगी. इनमें से कुछ राशियों के लिए यह बेहद शुभ रहेगी. शनि जुलाई 2026 तक मीन राशि में मार्गी रहेंगे और इन जातकों को बहुत लाभ देंगे. जानिए 24 घंटे बाद यानी कि 28 नवंबर से किन राशि वाले लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आने वाले हैं. नवग्रहों में शनि ग्रह 28 नवंबर की मध्यरात्रि से मार्गी हो रहे हैं। यह स्थिति 26 जुलाई 2026 तक बनी रहेगी। शनि के मार्गी होते ही विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे।
ग्रहों का वक्री और मार्गी होना देता है अलग परिणाम
ज्योतिषाचार्य के अनुसार भारतीय ज्योतिष में ग्रहों का वक्री या मार्गी होना अलग-अलग प्रभाव देता है। ग्रह किस राशि में यह परिवर्तन कर रहा है, यह भी परिणामों को प्रभावित करता है।उन्होंने कहा कि सौम्य और पाप ग्रहों का वक्रत्व काल और मार्गी स्थिति दोनों ही प्रकृति और जनमानस पर भिन्न प्रभाव डालते हैं।
शनि वर्तमान में मार्गी हो रहे हैं और जुलाई 2026 तक इसी स्थिति में रहेंगे, जिसके बाद उनका वक्री काल पुनः शुरू होगा।
मीन राशि में शनि- टेक्नोलॉजी और संचार में बड़े बदलाव
शनि का मीन राशि में संचरण तकनीकी और संचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगा।
नई तकनीकों का विकास तेज होगा
तकनीकी संचार में त्रुटियों में कमी आएगी
सूचना के नए सेगमेंट तक पहुंच आसान होगी
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भारतीय वायु सेना, रॉकेट तकनीक, इसरो और इनसेट से जुड़े सिस्टम थ्योरी में भी बड़े बदलाव होने की संभावना है। ये परिवर्तन आने वाले समय में भारत की अंतरिक्ष और सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेंगे।
धर्म और आध्यात्म की ओर बढ़ेगी रुचि
शनि का मीन राशि में मार्गी होना धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अनुकूल माना जाता है।मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं, और बृहस्पति और शनि के बीच नैसर्गिक दृष्टि संबंध होने से जनमानस में धर्म और आध्यात्म की ओर विशेष आकर्षण बढ़ेगा।लोग आंतरिक शांति के लिए प्रकृति, योग, ध्यान और देवालयों की ओर अधिक झुकाव महसूस करेंगे।
शनि के लोहे का पाया कैसे निर्धारित होता है?
ज्योतिष गणना के अनुसार, शनि के तांबे का पाया गोचर के समय चंद्रमा की स्थिति के आधार पर पाया तय होता है. शनि के राशि परिवर्तन के समय आपकी चंद्र राशि से शनि के 4, 8 और 12वें भाव में होने पर लोहे का पाया बनता है. ज्योतिष में शनि के लोहे के पाए को एक अशुभ स्थिति माना जाता है.



