उत्तर प्रदेशराज्य

एएनटीएफ होगा और मजबूत, अपना भवन और स्थायी फोर्स की होगी तैनाती

एएनटीएफ होगा और मजबूत, अपना भवन और स्थायी फोर्स की होगी तैनाती

हर थाने और यूनिट में निरीक्षक, उपनिरीक्षक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, आरक्षी, आदि की होगी तैनाती

एएनटीएफ के सभी 06 थानों के लिए यथाशीघ्र कराएं न्यायालय आवंटन: मुख्यमंत्री

तीन साल में 775 करोड़ के अवैध मादक पदार्थ नष्ट

नशे के खिलाफ लड़ाई में समाज की भूमिका जरूरी, मुख्यमंत्री ने किया आह्वान

लखनऊ
 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और अधिक प्रभावी और सक्षम बनाने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि फोर्स के लिए सभी 06 थानों और 08 यूनिटों में निरीक्षक, उपनिरीक्षक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, आरक्षी, सहित आवश्यक मैनपॉवर की स्थायी तैनाती और विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था शीघ्र पूरी की जाए। टीम को आधुनिक उपकरण, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और उन्नत तकनीकी संसाधनों से सुसज्जित किया जाए ताकि कार्रवाई तेज और सटीक हो सके। प्रस्तावित थानों के लिए न्यायालय आवंटन की प्रक्रिया बिना विलंब पूरी करने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम मामलों की त्वरित सुनवाई और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। उन्होंने फोर्स के सभी थानों के लिए स्थायी भवन निर्माण किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संसाधन और संरचना मजबूत होने के बाद कार्रवाई की गति और परिणामों में और वृद्धि होगी और प्रदेश ड्रग नेटवर्क को जड़ से समाप्त करने की दिशा में अधिक सशक्त होगा। बैठक में बताया गया कि एएनटीएफ के गठन के बाद कार्रवाई में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2023 से 2025 के बीच 310 मुकदमे दर्ज हुए, 35,313 किलो अवैध मादक पदार्थ जब्त हुए और 883 तस्कर गिरफ्तार किए गए। जब्त सामग्री की अनुमानित कीमत 343 करोड़ रुपये से अधिक है। 

समीक्षा के दौरान यह भी बताया गया कि सामान्य कार्रवाई के साथ साथ बड़े नेटवर्क और माफियाओं पर प्रहार किए गए हैं।। पिछले तीन वर्षों में 2,61,391 किलो अवैध मादक पदार्थों का विधिसम्मत विनष्टीकरण किया गया है जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 775 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने कहा निस्तारण प्रक्रिया नियमित और पारदर्शी ढंग से जारी रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ संघर्ष केवल कानून व्यवस्था का विषय नहीं बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। परिवारों, शैक्षणिक संस्थानों, नागरिक संगठनों और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि नशे की पहुंच युवाओं तक न हो। उन्होंने कहा कि अपराधियों को यह साफ संदेश मिलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में अवैध ड्रग कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button