उत्तर प्रदेशराज्य

निलंबित DSP ऋषिकांत शुक्ला के बेटे की शाही शादी: कानपुर के 200 करोड़ के रिसॉर्ट में IPS और नेता भी हुए शामिल

कानपुर 

कानपुर के चर्चित पुलिस अधिकारी रहे निलंबित डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला पर अब एक के बाद एक परतें खुलती जा रही हैं. कभी कानून के रखवाले रहे ये अफसर आज सवालों के घेरे में हैं. वजह आय से कई गुना ज्यादा संपत्ति और एक ऐसी शादी, जिसने पूरे पुलिस महकमे से लेकर सियासी गलियारों तक में हलचल मचा दी.

मामला उस आलीशान शादी का है, जो मार्च महीने में कानपुर के चर्चित इटरनिटी रिसॉर्ट में हुई थी. यह वही रिसॉर्ट है जिसकी कीमत 200 से 250 करोड़ रुपये के बीच बताई जाती है. इसी भव्य स्थल पर डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला के बेटे की बारात चढ़ी थी. कार्यक्रम में जिले और आसपास के इलाकों के कई बड़े राजनेता, विधायक, सांसद, और बीजेपी के करीब 18 जिलों के अध्यक्ष मौजूद थे. अफसरों की बात करें तो एक पड़ोसी जिले के तत्कालीन एसपी, डीआईजी स्तर के अधिकारी और एडीजी तक इस शादी में शामिल हुए थे. और तो और, एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कई आईपीएस अधिकारी डांस फ्लोर पर जमकर थिरकते नजर आए थे.

28 साल की नौकरी, 100 करोड़ की कमाई

ऋषिकांत शुक्ला ने 28 साल की सेवा में कई अहम पद संभाले. 8 साल दारोगा, 3 साल इंस्पेक्टर और 17 साल डीएसपी रहे. इस दौरान उनकी पोस्टिंग ऐसे जिलों में रही, जहां जमीन और बिल्डिंग कारोबार तेजी से बढ़ रहा था. इसी बीच उन्होंने अपनी संपत्ति का ऐसा साम्राज्य खड़ा किया कि जांच एजेंसियां भी हैरान हैं. विजिलेंस और एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्ला और उनके परिवार के नाम करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति दर्ज की गई है. आर्यनगर के पॉश इलाके में 11 दुकानों का स्वामित्व, आर नगर में चार मंजिला इमारतें, गेस्ट हाउस, रियल एस्टेट में निवेश और कई कंपनियों में हिस्सेदारी जैसी जानकारियां सामने आई हैं.

शादी का खर्च मेरा नहीं, लड़कीवालों का था

आजतक से बातचीत में ऋचिकांत शुक्ला ने बताया कि वो मेरे बेटे की शादी थी, बेटी की नहीं. बारात मैं लेकर गया था. आयोजन लड़कीवालों ने किया था. अगर उन्होंने अपनी इच्छा से 200 करोड़ के रिसॉर्ट को चुना, तो मैं मना कैसे कर सकता हूं? उसमें मेरा एक पैसा नहीं लगा.  उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी. कई लोगों ने सवाल उठाए कि अगर शादी पूरी तरह लड़कीवालों के खर्च पर थी, तो फिर अधिकारी और नेताओं की इतनी बड़ी मौजूदगी क्यों ?

नेताओं से अच्छे संबंध होना अपराध नहीं

शादी में सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष और भाजपा संगठन के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी पर भी सवाल उठे. इस पर डीएसपी शुक्ला का जवाब था कि अगर अपराधी मुझसे डरते हैं और जनप्रतिनिधि मेरा सम्मान करते हैं तो इसमें बुराई क्या है? मैं हमेशा जनता और कानून के बीच पुल बनकर काम करता रहा हूं. नेताओं से अच्छे संबंध होना अपराध नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि उनके खिलाफ चल रही जांचें कुछ असंतुष्ट लोगों की साजिश हैं, जिन्हें उनकी सफलता और लोकप्रियता रास नहीं आई.

पैतृक संपत्ति को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है

एसआईटी रिपोर्ट में जिन संपत्तियों का जिक्र है, उनमें आर नगर में गेस्ट हाउस, दुकाने और चार मंजिला इमारतें शामिल हैं. इस पर शुक्ला का कहना है कि इनमें से ज्यादातर उनकी पैतृक संपत्ति है. मेरे दादा पुलिस इंस्पेक्टर थे और पिता  मैनेजर. उन्होंने मेहनत से जो कमाया, वही आगे चला आ रहा है. जिस घर को मेरी अवैध संपत्ति बताया जा रहा है, वह मेरे ग्रैंडफादर ने खरीदा था. अगर सरकार को शक है तो मैं सभी दस्तावेज पेश करूंगा. लेकिन किसी की मेहनत की कमाई को भ्रष्टाचार कहना अन्याय है.

आर्यनगर में करोड़ों की दुकानों से लेकर कंपनियों में निवेश तक

कानपुर के सबसे पॉश इलाके आर्यनगर में उनकी 11 दुकानों की कीमत 92 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसके अलावा शहर के अन्य इलाकों में गेस्ट हाउस और प्लॉट्स के कागज़ भी सामने आए हैं. कुछ कंपनियों में उनकी पत्नी और रिश्तेदारों के नाम से निवेश मिला है. विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि आय के स्रोतों और संपत्तियों के बीच का अंतर इतना बड़ा है कि इन्हें साबित करना मुश्किल होगा.

रिश्तों की ताकत या सिस्टम का डर

कानपुर के पुराने पुलिसकर्मी बताते हैं कि ऋषिकांत शुक्ला की छवि हमेशा विवादित रही है. एनकाउंटर विशेषज्ञ के तौर पर उनका नाम कई बार सुर्खियों में आया. कहा जाता है कि उन्होंने अपराधियों से निपटने में सख्ती दिखाई, लेकिन कई बार यही सख्ती विवादों में बदल गई. उनकी राजनीतिक पहुंच भी गहरी बताई जाती है. कई विधायक और सांसदों से व्यक्तिगत संबंध रहे हैं.

जांच की जद में शाही शादी

अब यह पूरी शादी जांच के घेरे में आ गई है. विजिलेंस इस बात की पड़ताल कर रही है कि शादी के आयोजन का खर्च किसने उठाया था और क्या इसके लिए कोई बेनामी लेन-देन हुआ था. रिसॉर्ट बुकिंग, डेकोरेशन, मेहमानों के ठहरने और खानपान में करोड़ों रुपये खर्च हुए बताए जा रहे हैं. जांच एजेंसियां आयोजन से जुड़े सभी बिल और भुगतान की जांच में जुटी हैं.

जनता पूछ रही सवाल 

कभी वर्दी में ईमानदारी और सख्ती का प्रतीक माने जाने वाले ऋषिकांत शुक्ला अब आम जनता की नजर में सवालों के घेरे में हैं. लोग सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि अगर शादी में आपका एक पैसा नहीं लगा, तो इतनी भव्यता क्यों? और अगर लगा, तो ईमानदारी से कमाई गई सैलरी में इतना वैभव कैसे संभव है ? डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला अब भी दावा कर रहे हैं कि मैं निर्दोष हूं. मेरे खिलाफ चल रही कार्रवाई द्वेष की भावना से प्रेरित है. सच सामने आएगा, तो सब साफ हो जाएगा.

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