उत्तर प्रदेशराज्य

रामभद्राचार्य का बयान: 470 सांसद होंगे तभी बनेगा हिंदू राष्ट्र, बच्चों को वेद-शास्त्र का ज्ञान नहीं

फतेहपुर

यूपी के फतेहपुर में रामगंज पक्का तालाब में प्रस्तावित श्री जगन्नाथ धाम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में पहुंचे तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य ने बड़ा बयान दिया है। आज हालात ऐसे हैं कि हमारे बच्चों को अपने वेद, शास्त्र और धर्मग्रंथों के नाम तक नहीं पता जबकि मुस्लिम समुदाय का बच्चा-बच्चा कुरान पढ़ता है। जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि संसद में जब अपने 470 सांसद होंगे तब देश हिंदू राष्ट्र बनेगा। कहा कि इस मंदिर में गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा। उन्होंने कहा कि देश की हिंदू आबादी अस्सी फीसदी होनी चाहिए, तभी सनातन संस्कृति सुरक्षित रह सकती है।

भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद मंच पर पहुंचे तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य ने हिंदू सनातन धर्म पर बोलते हुए कई टिप्पणियां कीं।जगतगुरु रामभद्राचार्य द्वारा दिए गए हिंदू राष्ट्र को लेकर दिए गए उनके बयान ने सियासी हलचल को भी बढ़ा दिया है। जगतगुरु रामभद्राचार्य अपने इस बयान की वजह से एक बार सुर्खियों में हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब तक समाज धर्म और संस्कृति से नहीं जुड़ेगा तब तक एकजुटता और आत्मसम्मान की भावना विकसित नहीं हो सकती।
अपने बच्चों को संस्कार और धार्मिक शिक्षा दें

हिंदू संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण पर जोर देते हुए जगतगुरु रामभद्राचार्य ने लोगों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को संस्कार और धार्मिक शिक्षा दें ताकि नई पीढ़ी अपने धर्म की जड़ों से जुड़ी रहे। चित्रकूट में एक गुरुकुल बनाने की भी बात कही। जिसमें हिंदू बच्चों को धर्मशास्त्रों की शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए कार्यक्रम के आयोजक भाजपा नेता संतोष तिवारी से गुरु दक्षिणा के रूप में चार लाख ईंटों का दान लेने की बात कही। जिस पर उन्होंने हामी भरी।

जगन्नाथ मंदिर निर्माण को धार्मिक जागरण का प्रतीक

कार्यक्रम में उन्होंने जगन्नाथ मंदिर निर्माण को धार्मिक जागरण का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह मंदिर सिर्फ ईश्वर का धाम नहीं बल्कि हिंदू एकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनेगा।जगतगुरु रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से कहा कि मंदिर निर्माण में सभी वर्गों को बढ़-चढ़कर सहयोग करना चाहिए, जिससे फतेहपुर जनपद धर्मनगरी के रूप में प्रतिष्ठित हो सके। इस अवसर पर जगन्नाथपुरी धाम पुरी के मुख्य पुजारी दैतातय भवानी दास जी महाराज भी उपस्थित रहे।

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