इंदौरमध्य प्रदेश

कार्तिक-अगहन मास: बाबा महाकाल की पहली सवारी आज, नगर भ्रमण में मंदिर समिति का बैंड भी शामिल

उज्जैन 

विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में सावन-भादो की तरह कार्तिक मास में भी उज्जैन के राजा भगवान महाकाल अपने मंदिर परिसर से निकलकर भक्तों के बीच पहुंचते हैं। हर साल की तरह इस बार भी कार्तिक-अगहन मास की सवारी धूमधाम से निकलने वाली है। 

महाकाल मंदिर में मराठा परंपरा का विशेष तौर पर प्रभाव है। महाराष्ट्रीय परंपरा में शुक्ल पक्ष से माह का शुभारंभ माना जाता है। कार्तिक-अगहन मास में भी महाकाल की सवारी कार्तिक शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से शुरू होती है। इसी वजह से इस बार 27 अक्टूबर से कार्तिक-अगहन माह की पहली सवारी महाकालेश्वर मंदिर से निकाली जाएगी। मंदिर के सभा मंडपम में शाम 4 बजे पूजन के बाद पालकी में विराजमान होकर भगवान महाकाल मनमहेश स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

जब भी उज्जैन के राजा नगर भ्रमण पर निकलते हैं तो बाबा की एक झलक पाने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए मंदिर समिति, जिला प्रशासन कई तैयारियां करता है। इस बार सवारी का आकर्षण बढ़ाने के लिए एक खास प्रयोग किया जाएगा। पहली बार श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का बैंड भी सवारी में शामिल होगा। इसमें 30 सदस्य हैं, जो विभिन्न वाद्य यंत्रों से भक्ति गीत और भजनों की प्रस्तुति देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपावली के दिन इस बैंड का शुभारंभ किया था। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया ने बताया कि महाकालेश्वर की पहली सवारी से ही बैंड शामिल किया जाएगा। सवारी में पारंपरिक रूप से पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल और भजन संध्या के सदस्य भी शामिल रहेंगे। 

बाबा महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होती हुई शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां शिप्रा के जल से पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होकर पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। कलेक्टर रोशन सिंह ने बताया कि 27 अक्टूबर को बाबा महाकाल की कार्तिक माह की पहली सवारी निकलेगी. दूसरी सवारी 3 नवंबर को निकलेगी। इस दिन हरिहर मिलन होने से विशेष सवारी रात 12 बजे द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पहुंचेगी, फिर अगहन मास की पहली सवारी 10 नवंबर और राजसी सवारी 17 नवंबर को निकलेगी। 

कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने महाकालेश्वर मंदिर में प्रशासनिक और प्रबंधन समितियों की बैठक में इन सवारी की तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्टर ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। नगर निगम सड़क की सफाई, रोशनी और जर्जर इमारतों को चिह्नित करने का काम कर रहा है। साथ ही फायर ब्रिगेड और साइनेज की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने आग कहा कि सवारी पारंपरिक तरीके से पूरी धूमधाम से निकाली जाएंगी, ताकि भक्तों को दर्शन का मौका मिल सके। 

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