जबलपुरमध्य प्रदेश

सागर में संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का निर्माण तय समय से लेट, केवल 30% काम बाकी, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण

सागर

 सागर जिले के बडतूमा में निर्माणाधीन 101 करोड़ की लागत से बन रहा संत रविदास मंदिर एवं संग्रहालय का काम जारी है. जिस विधानसभा क्षेत्र में ये मंदिर बन रहा है, वहां के भाजपा विधायक प्रदीप लारिया का दावा है कि अगली रविदास जयंती यानि फरवरी माह में मंदिर का लोकार्पण करने का लक्ष्य है. उम्मीद है कि जनवरी में काम पूरा हो जाएगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे.

संत रविदास मंदिर बडतूमा में निर्माणाधीन

ये मंदिर सागर की नरयावली विधानसभा क्षेत्र के बडतूमा में निर्माणाधीन है. इसका करीब 70 फीसदी काम हो चुका है. निर्माण एजेंसी का वादा किया है कि मंदिर जनवरी तक बनकर तैयार हो जाएगा. हालांकि बजट की कमी की चर्चा काम में देरी के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है. वहीं, विधायक प्रदीप लारिया का कहना है कि ऐसी कोई समस्या नहीं है. हम चाहते हैं कि फरवरी में रविदास जयंती पर प्रधानमंत्री मंदिर का लोकार्पण करने एक बार फिर सागर आएं.

12 एकड़ में बन रहा रविदास मंदिर

संत रविदास मंदिर 101 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है. मंदिर और संग्रहालय का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2023 में किया था. संत रविदास के विचार, दर्शन और अध्यात्म्य को एक परिसर में स्थान देने मध्य प्रदेश सरकार का संस्कृति विभाग संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का निर्माण कर रहा है. 12 एकड़ परिसर में ये भव्य मंदिर और संग्रहालय बनाया जा रहा है. राजस्थान के धौलपुर के वंशीपहाडपुर के लाल पत्थरों से मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है.

अगस्त 2025 में पूरा होना था निर्माण कार्य

संत रविदास मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य अगस्त 2025 रखा गया था. पिछले कुछ दिनों से मंदिर का काम बंद पड़ा था. हालांकि निर्माण एंजेसी पर्यटन निगम का कहना है "मंदिर का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है और सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है." लेकिन मंदिर निर्माण अपने तय समय अगस्त माह तक पूरा नहीं हो पाया. इस मामले में विधायक प्रदीप लारिया ने पिछले दिनों निर्माण एजेंसी और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी.

संत रविदास मंदिर अगले साल के मार्च तक काम पूरा होगा

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क्या खास है संत रविदास मंदिर और संग्रहालय में

नरयावली विधानसभा की मकरोनिया नगर पालिका के बडतूमा में 55 वर्गफीट जगह पर नागरशैली में मुख्य मंदिर बनाया जा रहा है. इसमें गर्भगृह, अंतराल मंडप और अर्धमंडप का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा यहां पर रविदास के जीवन का वर्णन दीवार पर कलाकृति (म्युरल स्कल्प्चर) के जरिए किया जा रहा है. संत रविदास के दर्शन को प्रदर्शित करने कुल 14 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में व्य़ाख्या संग्रहालय ( इंटरप्रिटेशन म्यूजियम)

    प्रथम गैलरी – संत रविदास की जीवनगाथा का प्रदर्शन

    द्वितीय गैलरी – संत रविदास का भक्ति मार्ग और निर्गुण पंथ में योगदान

    तृतीय गैलरी – संत रविदास का दर्शन और रविदासिया पंथ

    चतुर्थ गैलरी– संत रविदास के साहित्य का विवरण

    विशाल जलकुंड का निर्माण, जिसके चारों तरफ शानदार बगीचा, आकर्षक 

नक्काशी के साथ संत रविदास के दर्शन और जीवन से जुडी मूर्तियों की स्थापना

    10 हजार वर्गफीट का पुस्तकालय, जहां संत रविदास के कृतित्व, शिक्षा, अध्यात्मय की पुस्तकें होगीं

    फूलों की पंखुड़ियों की तरह संगत सभाखंड का आकर्षक भवन, जिसमें संत रविदास और अन्य धर्म के दर्शन, शिक्षा आध्यात्म्य से प्रेरित संगोष्ठी, कार्यशाला, प्रवचन, आख्यान और सम्मेलन होंगे.

    संत रविदास परिसर में देश-विदेश से आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए विशाल भक्त निवास 12 हजार 500 वर्गफीट में बनाया जा रहा है. 15 एसी कमरे, अटैल बाथरूम वाले और एक साथ 50 व्यक्तियों की क्षमता वाला आवासगृह भी होगा.

    परिसर में 15 हजार वर्गफीट का अल्पाहार गृह का निर्माण किया जा रहा है. तंबू के आकार वाले गृह में बैठने की व्यवस्था.

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