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सीआरपीएफ हवलदार व उसकी पत्नी की मौत के केस में कमांडेंट, डीसी व इंस्पेक्टर पर गिरी गाज

नई दिल्ली

सीआरपीएफ हवलदार केशपाल सिंह, जो 108 'रेपिड एक्शन फोर्स' का जवान था, ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ मिलकर जहरीला पदार्थ खा लिया था। बाद में केशपाल सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका देवी की मौत हो गई। बेटी नव्या की जान बचा ली गई है। सीआरपीएफ मुख्यालय ने इस मामले में कठोर एक्शन लिया है। सीआरपीएफ की 108 रेपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के कमांडेंट नरेंद्र सिंह को नार्थ ईस्ट जोन मुख्यालय भेजा गया है। उक्त अधिकारी को 21 फरवरी को दोपहर तक रिलीव करने के आदेश जारी किए गए हैं।

इनके साथ ही 108 रेपिड एक्शन फोर्स की डिप्टी कमांडेंट तुलसी डुगरियाल और इंस्पेक्टर जीडी (महिला) गुरमीत कौर का भी तुरंत प्रभाव से तबादला कर दिया गया है। तुलसी डुगरियाल को असम के बोंगईगांव स्थित डीआईजी (ऑप्स) कार्यालय में लगाया गया है, जबकि गुरमीत कौर को असम स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर खटखटी में तैनाती दी गई है। मृतक हवलदार के भाई महेशपाल सिंह ने सीआरपीएफ की महिला डीसी व इंस्पेक्टर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है।

बता दें कि 16 फरवरी को सीआरपीएफ हवलदार केशपाल सिंह (45) ने अपनी पत्नी प्रियंका देवी (36) और बेटी नव्या (13) के साथ जहरीला पदार्थ खा लिया था। इस घटना में केशपाल सिंह और उसकी पत्नी की मौत हो गई। डॉक्टरों ने केशपाल सिंह की बेटी को बचा लिया है। केशपाल सिंह के भाई महेशपाल सिंह ने अमर उजाला डॉट के साथ बातचीत में कहा था, यह कोई छोटा मोटा केस नहीं है। सीआरपीएफ की महिला अधिकारी पर आरोप लगे हैं। हमने मेरठ जिले के कंकरखेड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है। एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया गया है। साथ ही सीआरपीएफ के आईजी ने भी यह भरोसा दिया है कि इस मामले की तह तक पहुंचा जाएगा। सीआरपीएफ द्वारा इस मामले की 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' के आदेश जारी किए गए हैं। कमांडेंट विनोद कुमार के नेतृत्व में गठित बोर्ड इस केस की जांच कर रहा है।

मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में गत रविवार को यह हृदय विदारक घटना सामने आई थी। केशपाल सिंह के भाई महेशपाल सिंह ने बताया, उनके पास सुबह ही फोन आया था। उस वक्त केशपाल सिंह जहरीला पदार्थ निगल चुके थे। केशपाल सिंह ने फोन पर कहा था कि सीआरपीएफ की महिला अधिकारी तुलसी डुगरियाल और गुरमीत कौर ने उसे धोखा दिया है। उसके साथ बहुत बुरा सलूक किया जा रहा है। उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर टॉचर्र किया गया है। उसने सीआरपीएफ की दोनों महिला अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। केशपाल सिंह ने यह भी कहा, हमारे बाद मेरे बेटे का ध्यान रखना। उसे अच्छे से पढ़ाना लिखाना।

लिहाजा, केशपाल सिंह का घर करीब तीस किलोमीटर दूर था। ऐसे में महेशपाल सिंह अपने बेटे के साथ बाइक पर केशपाल सिंह के घर पर पहुंच गए। उन्होंने देखा कि तीनों जहर के प्रभाव से तड़प रहे हैं। तीनों को निकटवर्ती कैलाशी अस्पताल में ले जाया गया। वहां पर डॉक्टरों ने तीनों को दूसरे अस्पताल में ले जाने की बात कही। वहां से उन्हें आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोपहर साढ़े तीन बजे केशपाल सिंह ने दम तोड़ दिया। इसके बाद रात साढ़े ग्यारह बजे केशपाल सिंह की पत्नी प्रियंका भी चल बसी। महेशपाल सिंह के मुताबिक, भतीजी नव्या ने बताया कि घटना वाले दिन सुबह मेरे पापा के पास फोन आया था। उस वक्त फोन स्पीकर पर था। फोन पर किसी महिला की आवाज आ रही थी।

महेशपाल सिंह ने बताया, उसके भाई और भाभी की मौत के पीछे बड़ी साजिश रही है। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में भी गुरमीत कौर और तुलसी डोगरियाल का नाम लिखा है। इन दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने केशपाल सिंह को टॉर्चर किया है। इन्होंने फोन पर धमकी दी थी कि तेरी नौकरी तो खत्म करा दी गई है, अब तेरे परिवार को जेल कराएंगे। इतना ही नहीं, पुलिस को दी शिकायत में यह भी लिखा है कि आरोपियों ने केशपाल सिंह को यह धमकी भी दी थी कि उसके बेटे को भी मरवा देंगे। महेशपाल सिंह ने 18 फरवरी को पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि गुरमीत कौर व तुलसी डोगरियाल के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।

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