देश

संसद की सुरक्षा टीम से जुड़े 8 लोग सस्पेंड, UAPA के तहत केस दर्ज!

नईदिल्ली

संसद में बुधवार को हुई सुरक्षा चूक की घटना के संबंध में अभी तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा चूक की घटना के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। लोकसभा सचिवालय ने संसद की सुरक्षा टीम से जुड़े 8 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए। आरोपियों ने इस दौरान नारेबाजी की और केन के जरिए पीले रंग का धुआं फैला दिया। इस बीच कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया।

लगभग उसी वक्त दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर 'केन' से रंगीन धुआं छोड़ा और 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाए। संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए। उन्होंने नारेबाजी की और केन के जरिए पीले रंग का धुआं फैला दिया।

पुलिस ने कहा कि इस घटना की योजना छह लोगों ने मिल कर बनाई थी और ये चारों लोग उसी समूह का हिस्सा हैं। अधिकारियों ने बताया कि घटना के संबंध में संसद मार्ग पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 452 (बिना मंजूरी के प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल करना अथवा हमला) और UAPA की धारा 16 तथा 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

संसद आने से पहले आरोपियों ने की थी रेकी

संसद के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो प्रदर्शनकारियों की पहचान हरियाणा के हिसार से नीलम (42) और महाराष्ट्र के लातूर से अमोल शिंदे (25) के रूप में की गई है। नीलम ने मीडिया को बताया कि वे किसी भी संगठन से जुड़ी नहीं हैं। उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि सरकार नागरिकों के खिलाफ अत्याचार कर रही है। सदन के अंदर घुसपैठ करने वालों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में की गई है।

तीन अन्य आरोपियों की पहचान ललित झा, विक्की शर्मा और उनकी पत्नी के रूप में की गई है। ये सभी गुरुग्राम के निवासी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सभी आरोपी अपने जूतों में धुएं का डिब्बा लेकर आए थे। मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि सातवें शख्स की तलाश की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, सभी आरोपी एक-दूसरे को चार साल से जानते थे और कुछ दिन पहले ही योजना बनाई थी। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे। बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की थी।

एक्सपर्ट की राय

संसद की सुरक्षा के लिए विशेष कार्याधिकारी (OSD) रह चुके वी. पुरुषोत्तम राव ने बुधवार को कहा कि दो व्यक्तियों के लोकसभा सदन में कूदने और केन से धुआं छोड़ने की घटना एक गंभीर सुरक्षा चूक है। राव ने पीटीआई से कहा कि 2001 में संसद पर हमले की घटना के बाद तत्कालीन लोकसभा उपाध्यक्ष के नेतृत्व में गठित की गई समिति की सिफारिशें लागू की गई होतीं, तो इस तरह की घटना से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि उन्होंने 2001 में संसद पर हमला करने वाले पांच हमलावरों में से एक को गोली मारी थी। उन्होंने दावा किया कि समिति की सिफारिशों में संसद की आगंतुक दीर्घा में बुलेट-प्रूफ शीशा लगाने की सिफारिश शामिल थी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button