नईदिल्ली
उत्तराखंड एसटीएफ ने निवेश के नाम पर 36.25 करोड़ की ठगी के मामले में चिटफंड कंपनी की महिला डायरेक्टर को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया है। महिला दो साल से फरार चल रही थी। इसमें तीन आरोपी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं। इन पर सात जिलों में 15 मुकदमे दर्ज थे। चार जिलों की पुलिस ने महिला पर 61 हजार 500 रुपये का इनाम घोषित किया था।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि मोनिका कपूर पत्नी संदीप कपूर निवासी पंजाबी बाग, प्रगति अपार्टमेंट दिल्ली एक जनशक्ति मल्टी स्टेट मल्टी परपज को-ऑपरेटिव सोसायटी लि. कंपनी की निदेशक थी। महिला ने कुछ साथियों के साथ 2015 से उत्तराखंड में अपनी शाखाएं खोली। देहरादून, चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और बागेश्वर जिले में महिलाओं और बेरोजगारों को अपने साथ जोड़ा।
उन्हें कई आकर्षक स्कीम बताकर निवेश के लिए प्रेरित किया। लोगों के बचत खाते, आरडी, एफडी, दैनिक बचत खाते कंपनी में खुलवाए गए। लोग कई सालों तक कंपनी के खाते में रकम जमा करते गए। लोगों को विश्वास में लेने के लिए कंपनी ने पासबुक में ब्याज की रकम की समय-समय पर इंट्री करने के साथ ही उसमें इजाफा भी करते रहे।
सरकारी और प्राइवेट बैंकों से ज्यादा ब्याज दरों के लालच में सैकड़ों लोग कंपनी से जुड़ गए। जब लोगों के करोड़ों रुपये कंपनी में जमा हो गए, तो उसे बंद कर आरोपी फरार हो गए। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में कंपनी के पदाधिकारी कपिल देव राठी, पंकज गंभीर और अनिल रावत को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। मोनिका तब से फरार चल रही थी। उसे काफी खोजबीन के बाद दिल्ली से पकड़ा है।
सात जिलों में 15 मुकदमें
एसएसपी ने बताया कि मोनिका पर उत्तराखंड के सात जिलों में 15 मुकदमे दर्ज हैं। दो साल से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। चार जिलों में उसपर ईनाम घोषित था। उन्होंने बताया कि कंपनी ने उत्तरकाशी में लगभग 16 करोड़, टिहरी में 1.25 करोड़, देहरादून में 13 करोड़, चमोली में छह करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। महिला को गिरफ्तार करने वाली टीम में उमेष कुमार, कैलाष नयाल, विरेंद्र नोटियाल, अनूप भाटी, चमन कुमार आदि शामिल थे।
एसटीएफ का जताया आभार
महिला की गिरफ्तारी के बाद चिटफंड कंपनी का शिकार हुए कई लोग मंगलवार को एसएसपी आयुष अग्रवाल से मिले। उन्होंने एसटीएफ के कार्यों की प्रसंशा की। उन्होंने आरोपियों को सख्त सजा की मांग भी की है।